Mike Tyson: The Lion of Boxing and the Story of His Expensive Pet Tigers - बॉक्सिंग का शेर और उनके महंगे पालतू टाइगर्स की कहानी
🥊 माइक टायसन। यह नाम सुनते ही दिमाग में एक शक्तिशाली मुक्केबाज की तस्वीर आती है, जिसने अपनी क्रूरता और खतरनाक पंचों से बॉक्सिंग की दुनिया में राज किया। उन्हें "आयरन माइक" और "द बैडेस्ट मैन ऑन द प्लानेट" जैसे नामों से जाना जाता था। लेकिन उनकी शख्सियत सिर्फ रिंग तक सीमित नहीं थी। इस खूंखार बॉक्सर के दिल में जानवरों के लिए एक ख़ास जगह थी, और उनका यह लगाव उनके जीवन का एक सबसे दिलचस्प और कम ज्ञात हिस्सा है।
यह आर्टिकल माइक टायसन के करियर, उनकी जानवरों के प्रति दीवानगी और उनके जीवन में जानवरों के महत्व को बताता है।
1. 🥊माइक टायसन: एक चैंपियन का करियर
माइक टायसन का जन्म 30 जून 1966 को न्यूयॉर्क में हुआ था। उनका बचपन बेहद मुश्किलों से भरा था, वे अक्सर अपराधों में लिप्त रहते थे। लेकिन जब महान बॉक्सिंग ट्रेनर कस डी'अमाटो ने उनकी प्रतिभा को पहचाना, तो उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
- करियर की शुरुआत: टायसन ने 1985 में अपना प्रोफेशनल करियर शुरू किया और जल्द ही अपनी विनाशकारी शैली के लिए मशहूर हो गए।
- सबसे युवा चैंपियन: 1986 में, सिर्फ 20 साल की उम्र में, उन्होंने ट्रेवर बर्बिक को हराकर WBC हैवीवेट खिताब जीता और बॉक्सिंग इतिहास में सबसे कम उम्र के हैवीवेट चैंपियन बन गए।
- अजेय राजा: 1987 से 1990 तक, वे WBC, WBA और IBF खिताबों को एक साथ रखने वाले पहले हैवीवेट बॉक्सर बने।
- उतार-चढ़ाव: 1990 में, उन्हें एक बड़ा झटका लगा जब जेम्स "बस्टर" डगलस ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद, उनकी ज़िन्दगी में कई कानूनी और व्यक्तिगत समस्याएं आईं, जिनमें 1992 में जेल जाना भी शामिल है।
- वापसी और रिटायरमेंट: जेल से लौटने के बाद उन्होंने फिर से चैंपियन का खिताब हासिल किया, लेकिन 2005 में उन्होंने बॉक्सिंग से संन्यास ले लिया।
2. महंगे और खतरनाक पालतू जानवर: रॉयल बंगाल टाइगर्स
1990 के दशक की शुरुआत में, अपनी प्रसिद्धि और दौलत के चरम पर, माइक टायसन ने तीन रॉयल बंगाल टाइगर्स को अपने घर में पाला। यह एक ऐसी ख़बर थी जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। उनके इन टाइगर्स के नाम थे केन्य (Kenya), स्टॉर्म (Storm) और बोरिस (Boris)।
- अजीब सौदा: टायसन ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में बताया है कि उन्होंने इन टाइगर्स को जेल में रहते हुए खरीदा था। एक कार डीलर ने उन्हें सुझाव दिया कि वह अपनी कुछ महंगी कारों को जानवरों के बदले बदल लें। टायसन ने सोचा, "एक शेर को पालना बहुत अच्छा होगा," और इस तरह उन्होंने 70,000 डॉलर प्रति टाइगर के हिसाब से इन खतरनाक जानवरों को खरीदा।
- लागत: एक रिपोर्ट के अनुसार, इन टाइगर्स का सालाना रखरखाव खर्च लगभग 2 लाख डॉलर था, जिसमें खाना और एक हैंडलर (handler) का वेतन शामिल था।
- खतरे और दुर्घटनाएं: इन जानवरों को पालना बेहद जोखिम भरा था। टायसन ने खुद स्वीकार किया है कि एक टाइगर ने एक बार उनकी बांह पर हमला कर दिया था, जिससे उन्हें कई टांके लगे। एक और गंभीर घटना में, उनकी एक टाइगर, केन्या, ने एक महिला का हाथ बुरी तरह से घायल कर दिया था, जो उनके घर की बाड़ कूदकर अंदर आई थी। इस घटना के बाद उन्हें अपनी टाइगर बेचनी पड़ी।
आज टायसन खुद मानते हैं कि जंगली जानवरों को पालतू बनाना एक मूर्खतापूर्ण निर्णय था और वे इन जानवरों के साथ रहने के खतरों को पूरी तरह से नहीं समझते थे।
3. जानवरों के प्रति उनका ख़ास लगाव
माइक टायसन अपने बाघों की देखभाल खुद से नहीं करते थे, बल्कि इसके लिए उन्होंने एक पेशेवर टीम को काम पर रखा था। इन जानवरों की देखभाल के लिए हर साल लाखों डॉलर खर्च होते थे।
- प्रोफेशनल हैंडलर: टायसन ने अपने बाघों की देखभाल के लिए एक पेशेवर एनिमल हैंडलर (animal handler) को नौकरी पर रखा था, जिसका सालाना वेतन लगभग $1,25,000 था। यह हैंडलर तब उनकी देखरेख करता था जब टायसन अपने लास वेगास के घर पर नहीं होते थे।
- महंगा खान-पान: इन बाघों का खान-पान भी बेहद खर्चीला था। एक अनुमान के अनुसार, उनके खाने पर सालाना लगभग $200,000 खर्च होते थे। टायसन ने खुद बताया है कि उनके बाघ मुख्य रूप से घोड़े का मांस और चिकन खाते थे। वे बहुत धीरे-धीरे खाते थे, और एक बार में बहुत ज़्यादा नहीं खाते थे, जिससे उनका वजन सही बना रहता था।
- सुरक्षित वातावरण: बाघों को रखने के लिए टायसन के पास एक बड़ा और सुरक्षित बाड़ा (enclosure) था, जिसे उनकी सुरक्षा और आराम के लिए डिज़ाइन किया गया था। हालांकि, इसके बावजूद, वे कभी-कभी अपने घर और बेडरूम में भी अपनी सबसे पसंदीदा बाघिन, केन्या, के साथ सोते थे, जो बाद में एक खतरनाक गलती साबित हुई।
भले ही टाइगर्स को पालने का उनका अनुभव विवादास्पद रहा हो, लेकिन माइक टायसन का जानवरों के प्रति लगाव बहुत गहरा है। उनका यह प्रेम बचपन से ही शुरू हो गया था।
- कबूतरों से पहला प्यार: माइक टायसन को जानवरों से प्यार उनके बचपन से ही था, जब वे न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में कबूतर पालते थे। उनके पास कई कबूतर थे और वे उन्हें बहुत प्यार करते थे। उन्होंने खुद बताया है कि जब एक बदमाश ने उनके कबूतर में से एक को मार डाला था, तब उन्होंने अपनी ज़िन्दगी की पहली लड़ाई लड़ी थी। इस घटना ने उन्हें गुस्सा दिलाना और लड़ना सिखाया, जिसने बाद में उनके बॉक्सिंग करियर की नींव रखी।
- आज भी कबूतर: आज भी, माइक टायसन कबूतर पालते हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि कबूतरों के साथ उनका रिश्ता बॉक्सिंग से भी पुराना और मजबूत है। वे कहते हैं, "बॉक्सिंग खत्म हो गई है, लेकिन कबूतर अभी भी यहीं हैं।" यह उनके लिए शांति और सुकून का प्रतीक हैं।
- बदला हुआ नज़रिया: अपने जीवन के बाद के वर्षों में, टायसन ने खुद को एक ज़्यादा शांत और अहिंसक इंसान पाया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अब वह अपने घर में किसी कीड़े को भी नहीं मारते, क्योंकि उनका दिल किसी जानवर को नुकसान पहुँचाने का नहीं है।
4. उनके जीवन में जानवरों का महत्व
माइक टायसन के जीवन में जानवरों का महत्व सिर्फ एक शौक से कहीं ज़्यादा है।
- प्रेरणा और ताकत: बचपन में कबूतरों ने उन्हें लड़ने की वजह दी। उस छोटी सी घटना ने एक ऐसे शख्स को पैदा किया जो बाद में दुनिया का सबसे खूंखार बॉक्सर बना।
- प्यार और लगाव: जब उनकी ज़िन्दगी में सब कुछ अराजक था, तब उनके पालतू जानवर उनके लिए शांति का स्रोत थे। टाइगर्स और कबूतरों के साथ उनका रिश्ता एक ऐसे व्यक्ति की कहानी कहता है, जो अपनी क्रूर छवि के पीछे भी प्यार और लगाव महसूस कर सकता था।
- एक सबक: टाइगर्स को पालने का उनका अनुभव भले ही एक गलती थी, लेकिन इसने उन्हें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया कि कुछ जानवर प्रकृति से जंगली होते हैं और उन्हें पालतू नहीं बनाया जा सकता।
निष्कर्ष:
माइक टायसन की कहानी हमें बताती है कि इंसान की शख्सियत कितनी जटिल हो सकती है। वह एक रिंग में अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने वाले एक खूंखार योद्धा थे, लेकिन साथ ही अपने कबूतरों और बाघों से प्यार करने वाले एक संवेदनशील व्यक्ति भी। उनके जीवन में जानवरों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई - चाहे वह उन्हें लड़ने की प्रेरणा देना हो या उनके लिए सुकून का जरिया बनना हो। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि हर ताकतवर इंसान के अंदर एक नरम दिल भी होता है।
